उनको एक इन्तजार था कि किसी ना किसी दिन उनका बेटा आयेगा और उनको ले जायेगा उनको एक इन्तजार था कि किसी ना किसी दिन उनका बेटा आयेगा और उनको ले जायेगा
पता नहीं वह किस सोच में है। पता नहीं वह किस सोच में है।
खाई में कभी नहीं गिरूँगी और देश के सभी दुश्मनों को ठाएं ठाएं कर दूंगी..! खाई में कभी नहीं गिरूँगी और देश के सभी दुश्मनों को ठाएं ठाएं कर दूंगी..!
न घूमती, झूमती, सायकिल चल देती , गुनगुनाते, मालिक के केशों को हवा में उड़ाते, गंतव्य की ओर। न घूमती, झूमती, सायकिल चल देती , गुनगुनाते, मालिक के केशों को हवा में उड़ाते, गंत...
एक कथा ....समर्पित है उस सर्व शक्तिमान को, जिसके हाथों में हम खेलते हैं कठपुतली की तरह, जो नचाता है ... एक कथा ....समर्पित है उस सर्व शक्तिमान को, जिसके हाथों में हम खेलते हैं कठपुतली ...